Essay On My Favorite Sport In Hindi: बचपन से ही मैं खेल-कूद का खूब शौकीन रहा हूँ। हॉकी, बैडमिंटन, क्रिकेट, कबड्डी आदि सभी खेलों में मुझे दिलचस्पी है, किंतु इन तमाम खेलों में क्रिकेट का खेल मुझे अधिक प्रिय है। आज सारा विश्व क्रिकेट को ‘खेलों का राजा’ मानता है। क्रिकेट ने लोगों के दिलों को जीत लिया है। क्रिकेट मैच का नाम सुनते ही हजारों लोग उसे देखने के लिए अधीर हो उठते हैं। जो लोग मैच देखने नहीं जा सकते, वे टी. वी. पर उसे देखना या रेडियो पर उसकी कॉमेंट्री सुनना नहीं चूकते । अखबारों के पन्ने क्रिकेट के समाचारों से भरे होते हैं । सचमुच, क्रिकेट अनोखा खेल है। न जाने उस गेंद में कैसा जादू है ! वह है तो जरा-सा, पर उसमें दुनियाभर की मिठास और आनंद भरा हुआ है।
मेरा प्रिय खेल पर हिंदी में निबंध Essay On My Favorite Sport In Hindi
शौक कैसे लगा
क्रिकेट का यह शौक मुझे अपने बड़े भाई से मिला है। उन्होंने हमारे मुहल्ले के कुछ साथियों की एक टीम बनाई थी। यह टीम छुट्टियों के दिन मैदान में क्रिकेट खेलने जाती थी। मैं भी उन सबके साथ खेलने लगा। एक दिन मेरे बल्ले ने दनादन तीन चौके फटकार दिए। सबने मुझे शाबाशी दी। बस, उसी दिन से क्रिकेट मेरा प्यारा खेल बन गया। धीरे-धीरे भाई साहब ने मुझे इस खेल के सभी दाँव-पेच सिखा दिए।
क्रिकेट की साधना
मैं हररोज करीब दो घंटे क्रिकेट खेलता हूँ। क्रिकेट के टेस्ट मैच देखना मैं कभी नहीं भूलता । मैं अपने फुरसत के समय क्रिकेट संबंधी सामयिक पढ़ता रहता हूँ । अखबारों में प्रकाशित क्रिकेट संबंधी लेखों एवं चित्रों का मैंने अच्छा-खासा संग्रह तैयार किया है। सच तो यह है कि क्रिकेट का नाम सुनते ही मैं फूला नहीं समाता।
महत्व
पिछले वर्ष मैं अपने स्कूल के क्रिकेट-दल का कप्तान था। वर्ष भर में जितने मैच खेले गए थे, उन सबमें हमारे दल की जीत हुई थी। आज मैं अपने स्कूल के विद्यार्थियों का प्रिय खिलाड़ी हूँ, अध्यापक मुझ पर गर्व करते हैं। सब लोग मुझे ‘कप्तान कपिलदेव’ के नाम से पुकारते हैं। क्रिकेट के खेल से अच्छा व्यायाम हो जाता है। अनुशासन, कर्तव्य-परायणता और सहयोग की शिक्षा भी क्रिकेट से मिलती है। इस खेल से खिलाड़ी की हिम्मत बढ़ती है। क्रिकेट का खिलाड़ी न तो विजय मिलने पर अभिमान करता है और न हारने पर निराश होता है।
प्रियता का कारण
आज मुझमें जो शारीरिक शक्ति और मानसिक स्थिरता है, उसमें क्रिकेट का काफी योग है। सचमुच, मैं इसका बहुत ऋणी हूँ । क्रिकेट को अपना सर्वाधिक प्रिय खेल बनाकर मैं इस ऋण को उतारना चाहता हूँ। हो सकता है, मेरे भावी जीवन में यह खेल चार चाँद लगा दे।