Essay On My Favorite Festival In Hindi: होली, दीवाली, रक्षाबंधन, दशहरा आदि हमारे मुख्य त्योहार हैं । इन त्योहारों में रक्षाबंधन का त्योहार मुझे सबसे अधिक प्रिय है। यह त्योहार भाई बहन के निर्दोष और नि:स्वार्थ प्रेम का प्रतीक है। भाई-बहन के पवित्र प्रेम के साथ ही इसमें जो सादगी है, वह दूसरे किसी त्योहार में नहीं है। दीवाली में दीपकों की रोशनी होती है। होली में रंग और गुलाल की धूम मच जाती है। दशहरे के दिन भी बड़ी धूमधाम होती है, लेकिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाने के लिए पवित्र हार्दिक प्रेम के सिवा अन्य किसी भी चीज की जरूरत नहीं पड़ती।
मेरा प्रिय त्योहार पर हिंदी में निबंध Essay On My Favorite Festival In Hindi
मनाने की विधि
राखी का त्योहार श्रावणी पूर्णिमा को मनाया जाता है । उस समय मौसम भी बड़ा सुहावना होता है। आकाश में बिजली मानो अपने भाई बादलों को राखी बाँधने के लिए अपनी अधोरता प्रकट करती दिखाई देती है। यह त्योहार हर भाई को बहन के प्रति अपने कर्तव्य की याद दिलाता है। बहन भाई को प्यार से राखी बाँधती है और भाई मन-ही-मन अपनी बहन की रक्षा की जिम्मेदारी का स्वीकार करता है। राखी से भाई-बहन के बीच स्नेह का पवित्र बंधन और दृढ़ हो जाता है।
नया दृष्टिकोण
अभी तक लोक यही मानते आए हैं कि अबला होने के नाते नारी राखी बाँधकर अपनी रक्षा का भार भाई पर डालती है। किंतु मैं तो जानता हूँ कि वह भाई को केवल अपनी रक्षा का ही नहीं, बल्कि सारी नारीजाति की रक्षा का भार सौपती है। राखी बाँधकर वह अपने भाई को शक्ति और साहस का मंत्र देती है और उसके कल्याण की कामना करती है। इसलिए ऐसे पवित्र त्योहार को बड़े ही उत्साह और आनंद से मनाना चाहिए।
ऐतिहासिक महत्त्व
राखी के धागों ने इतिहास बनाया है। चितौड़ की राजमाता कर्मवती ने मुगल बादशाह हुमायूँ को राखी भेजकर उसे अपना भाई बनाया था और वह भी संकट के समय बहन कर्मवती की रक्षा के लिए चितौड़ जा पहुँचा था। हुमायूँ ने गुजरात के बादशाह बहादुरशाह के साथ युद्ध करने का निश्चय किया। यह राखी की ही शक्ति थी कि हुमायूँ ने खुद मुसलमान होकर भी एक हिंदू नारो के सम्मान की रक्षा के लिए एक मुसलमान से युद्ध किया।
प्रिय होने का कारण
मेरी इकलौती बहन मुझसे बहुत दूर रहती है। इसलिए रक्षाबंधन के दिन वह जब मेरे यहाँ आती है, तब मेरो खुशी का ठिकाना नहीं रहता। बचपन की स्मृतियाँ उमड़ पड़ती हैं और हर्ष के आँसू ढुलक पड़ते हैं। बहन की ममता, स्नेह और मंगल भावनाएँ मुझे नवजीवन प्रदान करती हैं। मैं अपने समस्त दुःखों और अभावों को भूल जाता हूँ और मुझे परम आनंद का अनुभव होता है। रक्षाबंधन का त्योहार ‘भैया, मेरे राखी के बंधन को न भुलाना’ कहनेवाली बहन की याद हमेशा तरोताजा रखता है। इसलिए यह मेरा प्रिय त्योहार है।