दीपावली का त्योहार हिंदी निबंध Essay On Diwali Festival In Hindi

Essay On Diwali Festival In Hindi: भारतवर्ष में प्राचीन काल से त्योहारों की गौरवमयी परंपरा चली आ रही है। घर-घर दीपक जलानेवाली दीपावली या दीवाली तो सचमुच भारतीय त्योहारों की महारानी है। लोग सालभर इसकी प्रतीक्षा करते रहते हैं|

Essay On Diwali Festival In Hindi

दीपावली का त्योहार पर हिंदी में निबंध Essay On Diwali Festival In Hindi

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कुछ लोगों की धारणा है कि जब श्रीरामचंद्रजी लंका-विजय के बाद अयोध्या लौटे तब उनके स्वागत की खुशी में अयोध्या-निवासियों ने रोशनी करके उत्सव मनाया था। तभी से यह त्योहार प्रचलित हुआ है। यह भी मान्यता कि महाराज युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ की पूर्णाहुति इसी दिन हुई थी, तब से यह पर्व मनाया जाता है। कुछ लोग दीपावली को भगवान महावीर का निर्वाण दिन मानते है। इस प्रकार प्रत्येक भारतीय दीपावली के पर्व में आत्मीयता के दर्शन करता है।

पूर्वतैयारी

दीपावली सफाई और सजावट का सुनहरा संदेश लेकर आती है। इसके आने के कुछ दिन पहले ही लोग अपने-अपने घरों की सफाई करने में जुट जाते हैं । वे अपने-अपने घरों से वर्षभर की गंदगी को दूर कर देते हैं। वे नए कपड़े सिलाते हैं और गहने खरीदते हैं। घर-घर मिष्टान्न और पकवान बनाए जाते हैं । तरह-तरह के पटाखे बच्चों का मन मोह लेते हैं। सच तो यह है कि दीवाली के आगमन के पूर्व सभी जगह आनंद की लहर दौड़ जाती है।

दीपावली का वर्णन

आश्विन मास के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी (धनतेरस) से कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की द्वितीया (भैयादूज) तक दीपावली धूमधाम से मनाई जाती है। घर-घर असंख्य दीपक, मोमबत्तियाँ और बिजली के बल्ब जलाए जाते हैं। पटाखे और आतिशबाजी से वातावरण गूंज उठता है। धनतेरस के दिन लोग धन की पूजा करते हैं । इसके बाद छोटी दीपावली आती है, जिसे नरक चतुर्दशी भी कहते हैं। इसी दिन भगवान विष्णु ने नरकासुर का संहार किया था। अमावस का दिन ही दीवाली है। व्यापारी लोग हिसाब-किताब की नई बहियों की पूजा करते हैं। दीपावली के दूसरे दिन विक्रम का नया वर्ष शुरू होता है। इस दिन लोग आनंद से अपने सगे-स्नेहियों को मिलते-जुलते हैं और एक-दूसरे के प्रति नए वर्ष की शुभकामनाएँ प्रकट करते हैं। फिर भैयादूज के दिन बहन भाई को टीका लगाती है और मिष्टान्न खिलाती है। भाई बहन को भेंट देता है।

दोषों का निवारण

दीपावली के दिनों में कुछ लोग जुआ खेलते हैं और मदिरा का सेवन करते हैं। इससे कई लोग बरबाद हो जाते हैं । दीपावली में बेहद पटाखेबाजी होती है। इससे वायु दूषित होती है, कई लोग जल जाते हैं और कभी-कभी भयंकर आगजनी भी होती है। इन बुराइयों से बचना चाहिए।

संदेश

दीपावली के प्रकाश से हमारा आँगन और हृदय दोनों ही आलोकित हो उठते हैं। हमारी ईर्ष्या और शत्रुता की भावनाएँ प्रेम, सद्भावना और मित्रता में बदल जाती हैं, सामाजिक जीवन को नई ज्योति मिलती है और नूतन वर्ष के कर्तव्यों को पूरा करने का बल मिलता है । सचमुच, दीपावली का प्रत्येक दीपक एक महापुरुष की आत्मा है।

आनंद और प्रकाश की देवी, हे दीपमालिके ! तेरा सर्वदा स्वागत है।