Our Independence Day Essay in Hindi: सुबह हुई नहीं कि शहरों की खिडकियाँ तिरंगे ध्वजों से सज गई । उत्साहभरे बच्चे गणवेश में सजकर स्कूलों की ओर दौड़ने लगे। जगह-जगह ध्वजवंदन की तैयारियाँ होने लगी। सारा वातावरण उल्लास से भर गया। हाँ, यह उल्लास क्यों न हो? आज १५ अगस्त जो है। भारत के इतिहास में यह दिन स्वर्णाक्षरों से लिखा गया है। हजारों शहीदों के बलिदान के बाद भारत की १५० वर्षों की गुलामी की मजबूत जंजीरें आज के दिन ही तो टूटी थीं । सन १९४७ के उस धन्य दिन भारत की धरती पर स्वतंत्रता का सूरज मुस्कराया था। आज की खुशी तो उसी खुशी की याद बनकर आई है।
हमारा स्वातंत्र्यदिन अथवा १५ अगस्त हिंदी निबंध – Our Independence Day Essay in Hindi
लोगों का आनंद
हर साल वर्षाऋतु के सुहावने मौसम में भारत की कोटि कोटि जनता अपने इस स्वतंत्रता दिवस को मनाती है। इस दिन पाठशालाएँ, कॉलेज, दफ्तर और सरकारी कार्यालयों का कामकाज बंद रहता है। लोग ध्वजवंदन के समारोहों में भाग लेते हैं। जन गण मन …’ और ‘वंदे मातरम् …’ के पवित्र राष्ट्रीय गीत सबके हृदयों में देशभक्ति का भाव भर देते हैं।
स्कूल और कॉलेजों का उत्साह
१५ अगस्त की सच्ची खुशी तो पाठशालाओं और कॉलेजों में दिखाई देती है। उत्साहभरे अध्यापक और उमंगभरे विद्यार्थी स्वातंत्र्यदिन को मनाने के लिए एकत्रित होते हैं। इस दिन स्कूलों और कॉलेजों में ध्वजवंदन के साथ साथ मनोरंजन के कार्यक्रम भी रखे जाते हैं। कहीं नाटकों की धूम मची है, तो कहीं संगीत की बहार आई है और कहीं मंच पर पायल के स्वर गूंज रहे हैं । दर्शक और श्रोता प्रसन्नता से पागल हो रहे हैं। कहीं कहीं आजादी की झाँकियों के साथ जुलूस भी निकाले जाते हैं।
सामाजिक कार्यक्रम
इस दिन कहीं कहीं सामाजिक कार्यक्रम भी रखे जाते हैं। जगह-जगह नेताओं की जोशभरी वाणी सुनाई पड़ती है। साधारण जनता के लिए राज्य की ओर से नृत्य-संगीत के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। शाम को सरकारी मकानों पर रोशनी की छटा इस उत्सव में चार चाँद लगा देती है। बिजली का यह जगमगाता प्रकाश लोगों के दिलों में पहुँच जाता है और उन्हें प्रकाश से भर देता है । जयहिंद’ और ‘ महात्मा गांधी की जय’ के नारों के रूप में जनता का आनंद फूट पड़ता है। राजधानी दिल्ली के आनंद का तो कहना ही क्या?
महत्त्व
इस प्रकार हमारे देश में १५ अगस्त का स्वातंत्र्य पर्व बड़ी शान से मनाया जाता है। कश्मीर से कन्याकुमारी और गुजरात से आसाम तक इस राष्ट्रीय त्योहार की धूम मच जाती है। सारा देश उत्साह से भर जाता है। सचमुच, यह दिन हमारे इतिहास का शुभ और गौरवमय दिन है। इसके पीछे बापू की तपस्या है, जवाहर का त्याग है, सरदार पटेल का श्रम है, सुभाष बाबू और भगतसिंह की कुरबानियाँ हैं। ऐसे महान और अनमोल दिन को हम जितनी खुशी से मनाएँ उतना ही कम है।
स्वतंत्र भारत ! तेरी जय हो, विजय हो।