अगर बचपन लौट आए हिंदी निबंध If I could go back to my childhood Essay in Hindi

अगर बचपन लौट आए हिंदी निबंध If I could go back to my childhood Essay in Hindi

हिंदी निबंध

If I could go back to my childhood Essay in Hindi: जो समय बीत गया, वह कभी वापस नहीं लौटता। फिर भला बीत चुका बचपन वापस कैसे लौट सकता है? फिर भी यदि बचपन के दिन लौट आएँ, तो सचमुच बड़ा मजा आ जाए ।

अगर बचपन लौट आए हिंदी निबंध If I could go back to my childhood Essay in Hindi

अगर बचपन लौट आए हिंदी निबंध If I could go back to my childhood Essay in Hindi

पढ़ाई का बोझ कम हो जाए

बचपन के लौटने का सबसे बड़ा लाभ यह मिले कि सिर पर पढ़ाई का बोझ हलका हो जाए। न बीजगणित के कठिन प्रश्न हल करने पड़े, न रेखागणित के प्रमेयों में सिर खपाना पड़े। इतना ही नहीं, समाजशास्त्र से भी छुटकारा मिल जाए और अर्थशास्त्र भी व्यर्थशास्त्र हो जाए। फिर मजे से’ ट्विंकल ट्विंकल लिटिल स्टार’ और ‘जिंगलबेल’ की कविताएँ याद करूँ। जो शिक्षक आज बात-बात पर डाँटते हैं, वे मेरी तोतली बोली में कविताएँ सुनकर इतने खुश हो जाएँ कि मुझे अपनी गोद में बिठा लें।

शरारत करने के मौके मिलें

यदि बचपन के दिन लौट आएँ, तो मस्ती का दौर फिर से शुरू हो जाए । कृष्ण कन्हैया की तरह माखनचोरी करने लगूं। क्या मजाल है जो एक भी चॉकलेट या टॉफी सकुशल बच पाए । माँ दोपहर में सोकर उठे तो दूध की मलाई साफ हो गई मिले। मिठाई कहीं भी छिपाकर रखी गई हो, मेरी नजर से न बच पाए।

इच्छाएँ पूरी हो जाएँ

बचपन का आनंद तो बालसखाओं की टोली में मिलता है। तरह-तरह के खेल और उनकी प्रतियोगिताएँ, मित्रों के साथ अमराई में जाना, पेड़ पर चढ़कर आम तोड़ना, आपस में लड़ना और फिर एक हो जाना। यदि मेरा बचपन लोट आए तो उस आनंद का कहना ही क्या?

आर्थिक लाभ

आज घर के बड़े लोगों से कुछ माँगाता हूँ तो कोई सुनता नहीं । हाँ, बालक की तरह रोने लगूं या रूठ जाऊँ, तो सब मुझे हाथोंहाथ लेने लगें । तुरंत मेरी इच्छा पूरी की जाए। उसमें देर होने पर मैं रो-रोकर सबकी नाक में दम कर दूं। जब चाहूँ तब पतंग आए, गेंद मिल जाए, नए जूते खरीद दिए जाएँ और मनचाहे कपड़े पहनाए जाएँ। तब दादी भी परियों की कहानी सुनाने को मजबूर हो जाए।

ऐसा भाग्य कहाँ?

मेरा बचपन लौट आने पर सिलाई में मेरा कम कपड़ा लगे, बस-ट्रेन में आधा किराया देना पड़े। मेरी पढ़ाई का खर्च भी कम हो जाए।

बचपन के लौटने की कल्पना भले कर लूँ, पर ऐसा भाग्य कहाँ कि वह सचमुच लौट आए।

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