Our Festivals Essay in Hindi: जीवन में त्योहारों का बड़ा महत्त्व है। हमारे देश में त्योहारों की योजना इस ढंग से की गई है कि प्रत्येक महीने और हर मौसम में लोग त्योहारों से आनंद और उल्लास प्राप्त कर सकें।

हमारे त्योहार हिंदी निबंध – Our Festivals Essay in Hindi
संस्कृति के प्रतीक
भारत के त्योहार भारतीय संस्कृति के प्रतीक हैं। एक ओर दशहरा अन्याय पर न्याय की विजयघोषणा करता है, तो दूसरी ओर दीवाली यह बताती है कि हम प्रकाश के पुजारी हैं, अंधकार के नहीं। होली नृत्य और संगीत, रंग और राग का त्योहार है। रक्षाबंधन भाई-बहन के नि:स्वार्थ और पवित्र स्नेह को महिमा गाता है। मकरसंक्रांति द्वारा सूर्य का स्वागत किया जाता है। महाशिवरात्रि, श्रीराम नवमी, गणेश चतुर्थी आदि त्योहारों में भी हमारी संस्कृति अपने भव्य और भिन्न-भिन्न रूप में प्रतिबिंबित होती है।
मनाने की विधि
१५ अगस्त, २६ जनवरी, गांधी जयंती, टिळक जयंती आदि हमारे राष्ट्रीय त्योहार हैं। इन त्योहारों के पीछे हमारे देश का स्वर्णिम इतिहास है। लाखों शहीदों के बलिदान और अनेक महापुरुषों के त्याग की गौरवगाथा इनके साथ जुड़ी हुई है। ऐसे त्योहार हमें देशभक्ति और बलिदान काम संदेश देते हैं।
आनंदप्राप्ति के साधन
त्योहार के दिन प्राय: स्कूल, कॉलेज, दफ्तर आदि बंद रहते हैं। लोग घरों में मिष्टान्न बनाते और खाते-खिलाते हैं। धार्मिक त्योहारों में लोग व्रत-उपवास करते हैं । त्योहारों के उपलक्ष में घरों में सफाई और सजावट की जाती है। रोशनी की जगमगाहट से वातावरण आलोकित हो उठता है। कहीं संगीत-नृत्य से नई जिंदगी झूम उठती है। त्योहारों के अवसर पर कहीं-कहीं मेले, प्रदर्शनियाँ भी लगती हैं । सभी लोग कुछ समय के लिए दुख और चिंताओं से मुक्त होकर आनंद के सागर में गोते लगाते हैं। बच्चे तो मारे खुशी के फूले नहीं समाते।
कुछ दोष
हमारे त्योहार आनंद और मनोरंजन के साधन हैं । त्योहारों से लोगों को ताजगी, स्फूर्ति तथा प्रेरणा मिलती है। धार्मिक त्योहारों से तनमन को कालिमा धुल जाती है। त्योहार जातीयता और प्रांतीयता की दीवारों को ढहा देते हैं। वे हमारे दिलों में सहयोग और भ्रातृ-भाव निर्माण करते हैं। इनसे हमें अन्याय और अत्याचारों से लड़कर देश में न्याय और शांति की स्थापना करने की शिक्षा मिलती है, त्याग और तपस्या से जीवन को सुखी बनाने का सुनहरा संदेश मिलता है।
हमारा कर्तव्य
यह खेद की बात है कि आजकल कुछ लोग त्योहारों की पवित्रता को भुलाकर जुआ खेलते हैं, शराब पीते हैं और गाली-गलौज करते हैं । वे पैसा बरबाद करते हैं और कभी-कभी जरा-सी बात पर हाथापाई भी करने लगते हैं । त्योहार का आनंद किसी भी हालत में विलासिता का पोषक नहीं होना चाहिए । त्योहार हमारे जीवन का सहारा और प्राणों का प्रकाश है, इसलिए हमें त्योहारों के महत्त्व को समझना चाहिए और उनसे संबंधित बुराइयों का त्याग करना चाहिए।